बीजिंग । यूरोपीय देशों द्वारा शिनजियांग में मानवाधिकार हनन को लेकर चीन पर लगाए जा रहे आरोपों को भले ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी ( Foreign Minister Wang Yi) ने दरकिनार कर दिया हो लेकिन इस बीच एक ऐसी चौंकाने वाली खबर आ रही है, जिसने चीन के झूठ के मुखौटे को उतार फेंका है। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक चीन के शिनजियांग प्रांत में सरकार लोगों पर कोरोना की असुरक्षित दवा का जबरन इस्तेमाल कर रही है। उत्तर-पश्चिम शिनजियांग प्रांत में चीनी सरकार लोगों पर कोरोना वायरस के खिलाफ एक असुरक्षित दवा का इस्तेमाल कर रही है।बता दें कि चीनी सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए कठोर उपायों का सहारा ले रही है, जिसमें घरों में लोगों को बंद करना, 40 दिनों से अधिक के क्वारंटाइन को लागू करना और इसका पालन न करने वालों को गिरफ्तार करना भी शामिल है। इतना ही नहीं चीन के शिनजियांग प्रांत में रह रहे कुछ निवासियों के सोशल मीडिया पोस्ट और साक्षात्कार के अनुसार, यहां रह रहे लोगों को पारंपरिक चीनी दवा निगलने में मजबूर किया जा रहा है। इस दवा का इस्तेमाल कोरोना वायरस के खिलाफ किया जा रहा है लेकिन यह बेहद असुरक्षित बताई जा रही है।समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक जब पुलिस ने एक मिडिल एज महिला को गिरफ्तार किया तो उसे एक डिटेंशन सेंटर में दर्जनों अन्य महिलाओं के साथ एक सेल में रखा गया था। वहां उसने कहा कि उसे एक दवा पीने के लिए मजबूर किया गया था जिस कारण उसे कमजोरी और मितली महसूस हुई। समाचार एजेंसी एपी ने फोन पर इस महिला से शिनजियांग बात की, जिसने डर के कारण अपना नाम जाहिर ना करने की बात कही। इस महिला ने बताया कि मेरे हाथ खराब हो गए, मेरी त्वचा छील रही थी।
महिला ने बताया कि चीन के उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए कठोर उपायों का सहारा ले रही है, जिसमें घरों में लोगों को बंद करना, 40 दिनों से अधिक तक क्वारंटाइन करना और इसका पालन ना करने वालों को गिरफ्तार करना भी शामिल है।